मेहता ने की थी सुलह की कोशिश!
की कोशिश! विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि नरेंद्र मेहता ने गीता जैन से सुलह के सभी प्रयास किये थे, लेकिन गीता जैन 'भ्रष्टाचार' के मुद्दे पर किसी तरह समझौता करने को तैयार नहीं थी।
मीरा-भाईंदर: बीते वर्ष 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा से बागी निर्दलीय विधायक गीता जैन ने भले ही मीरा-भाईंदर में एतिहासिक जीत दर्ज कर भाजपा में पुनर्वापसी की हो, लेकिन कुछ ही महीनों में गीता जैन को अपने फैसले को बदलना पड़ रहा है।
आखिर क्यों गीता जैन हुईं नाराज?
जैन हुईं नाराज? निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद जैन ने बिना शर्त भाजपा को अपना समर्थन दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनसे वादा किया था कि मीरा-भाईंदर में भाजपा की कमान उनके हाथ में दी जाएगी, लेकिन पार्टी जिलाध्यक्ष के आगामी चुनाव, स्थायी समिति सदस्य हाथ में दी जाएगी, लेकिन पार्टी जिलाध्यक्ष आगामी चुनाव, स्थायी समिति सदस्य चुनाव, मनोनीत नगरसेवक और महापौर चुनाव में गीता की एक नहीं चली और उनके प्रतिद्वंदी पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता बाजी मारते नजर आ रहे हैं।