इस पंजाबी सैनिक के मंदिर में चीनी भी सिर झुकाते हैं

- नई दिल्ली : सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर एक सैनिक ऐसा भी है जो मौत के 48 साल बाद भी सरहद की रक्षा कर रहा है। सुनने में आपको ये थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन इस पंजाबी सैनिक बाबा हरभजन सिंह के मंदिर में चीनी सेना भी सिर झुकाती है। आखिर कौन हैं यह बावा जिसका भारतीय सेना ने 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मंदिर बनवाया हुआ है। लोगों का ऐसा ही मानना है और दूर-दूर से लोग यहां बाबा हरभजन सिंह मंदिर में पूजा करने आते हैं। सिक्किम की राजधानी गंगटोक में जेलेप दरें और नाथुला दर्रे के बीच बना बाबा हरभजन सिंह मंदिर लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में बाबा हरभजन सिंह की एक फोटो और उनका सामान रखा हुआ है। ऐसा कोई सिपाही और अधिकारी नहीं है जो भारत-चीन बार्डर पर चौदह हजार फुट की ऊंचाई वाले बर्फीले पहाड़ों में बने बाबा के मंदिर में मत्था न टेकता हो। पंजाब के कपूरथला के मंदिर में मत्था न टेकता हो। पंजाब के कपूरथला जिले के कका गांव में पले बढ़े जवान हरभजन सिंह को जो सम्मान भारतीय सेना में मिला, वह इतिहास बन गया।



बताया जाता है कि 4 अक्टूबर 1968 में सिक्किम के नाथुला पास में गहरी खाई में गिरने से सैनिक हरभजन सिंह की मृत्यु हो गई थी। लोगों का ऐसा मानना है कि तब से लेकर आज तक इस सैनिक की आत्मा यहां सरहदों की रक्षा करती है।बताया जाता है कि हरभजन सिंह की मौत सिक्किम के इलाके में तैनाती के दौरान घोड़ों को ले जाते वक्त नदी में गिरने से हो गई थी। ऐसा कहा जाता है कि अपनी मौत के बाद भी हरभजन सिंह सेना को समय समय पर तमाम जानकारियां उपलब्ध कराते रहे और अलर्ट करते रहे। सेना ने इसके बाद ही बाबा का मंदिर बनवाया। सिक्कम के लोग बताते हैं कि बॉर्डर पर होने वाली भारत और चीन की फ्लैग मीटिंग में बाबा हरभजन के लिए एक अलग से कुर्सी रखी जाती है।