राकेश दुबे
मुंबई -काशी प्रयाग के मध्य बसा छोटा सा जिला भदोही मुंबई में हमेशा चर्चित रहता है। कल मंगलवार को मुंबई के बांद्रा में जो कोरोना बम चलाने की साजिश रची गई। उसके मुख्य साजिशकर्ता को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। गिरफ्तार युवक भदोही जिले का निवासी विनय दुबे हैं।
सबसे पहले बता दें कि मुंबई के बांद्रा स्टेशन के पास भारी संख्या में भीड़ जमा हो गई थी। ये लोग घरों से निकलकर जामा मस्जिद के पास आ गए। यह भीड़ वहां अचानक नहीं आई थी बल्कि बकायदा लोगों को व्हाट्सएप मैसेज करके, फेसबुक पर संदेश लिखकर, वीडियो बनाकर बुलाया गया था। इसी मामले में पुलिस के हाथ एक वीडियो लगा। इस वीडियो में लोगों को आने के लिए कहा गया है कि उत्तर प्रदेश या बिहार के जो भी मजदूर व मजबूर भाई हैं। किसी भी शहर में रहते हैं वे किसी भी तरह पैदल अपने नजदीकी स्टेशन पर पहुंचे। यह वीडियो एक संदेश ही नहीं था बल्कि सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश थी। यह वीडियो सरकारके नियमो की धज्जियाँ उड़ा रहा था। सरकार को चेतावनी दे रहा था। उसने मजदूरों से आह्वान किया कि वे गुजरात, दिल्ली कहीं भी किसी भी शहर में रहते हो, अपने नजदीकी स्टेशन पर जाकर बैठ जाएं और सरकार से मांग करें कि उन्हें ट्रेन से भेजा जाए। जब मरना ही है तो घर पर नहीं बल्कि हम स्टेशन पर ही मरेंगे। इस वीडियो के आने के बाद एक बार फिर मुंबई में भदोही की चर्चा है। क्योंकि लोगों को भड़काने वाला युवक कोई और नहीं भदोही जिले के उगापुर औराई क्षेत्र के हरिनारायणपुर निवासी विनय दुबे है। कभी मनसे से जुड़ा विनय मुंबई में उत्तर भारतीय महापंचायत के नाम से एक संगठन चलाता है और इसी संगठन के द्वारा उसने उत्तर भारतीयों को अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया। जगह-जगह पदाधिकारी बनाने शुरू कर दिए। कई लोगों ने आरोप लगाया है कि संपर्क में आने के बाद वह उनसे पैसा वसूलता था। इस वजह से काफी लोग इससे दूर हो गए। चर्चा होने लगी कि लोगों को सहयोग देने के नाम पर चंदा वसूली का काम करता था। विनय दुबे अपने कारनामों से भले ही उत्तर भारतीयों के दिलों में जगह नहीं बना पाया किंतु उसने उन लोगों के दिलों में जगह बनानी शुरू कर दी जो देश और समाज के खिलाफ खड़े रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शिकायत करना, योगी की शिकायत करना, आर एस एस के बारे में अपशब्दों का प्रयोग करना और आरएसएस के समर्थकों और उसके सदस्यों के बारे में अपशब्दों का प्रयोग करना इसकी आदत बन चुकी थी। विनय के पिता जटाशंकर दुबे एक ऑटो चालक हैं। लेकिन विनय की रुचि राजनीति में थी । गत वर्ष मुंबई से वाराणसी तक बस चलाने का वादा किया और एक ही चक्कर में बस सर्विस बंद हो गई। लोगों का आरोप है कि उसने लोगों से किराया तो वसूल लिया किंतु बस के किराए का भुगतान नहीं किया गया। यही नहीं इसके ऊपर आरोप लगा कि लोगों से यह बस में घाटा हो गया बोलकर पैसे उधार लेता था किन्तु वापस नहीं करता था। पिछली लोकसभा चुनाव में इसने कल्याण लोकसभा का चुनाव लड़ा और लोगों ने आरोप लगाया कि यह चुनाव सिर्फ चंदा वसूली के लिए लड़ा गया था। ऐसे तमाम आरोप विनय दुबे पर लगते रहें हैं। किंतु पहली बार जिस तरह का आरोप लगा है उससे भदोही बदनाम हो गया है। एक युवक ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अपनी मातृभूमि को बदनाम कर दिया। उसके ऊपर मुंबई में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोरोना बम को हवा देने की कोशिश की गई, जैसे आरोप लगे हैं।
गौर करिए विनय दुबे यदि अपने मकसद में सफल हो जाता तो आज देश का क्या हाल होता। अब विनय दुबे पुलिस की गिरफ्त में है और कानूनी रूप से उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। किंतु सवाल यह खड़ा होता है कि जब कोई छुटभैया नेता या कथित समाजसेवी समाज को बेवकूफ बनाने का काम शुरू करता है, तभी पुलिस और प्रशासन विभाग उस पर नजर क्यों नहीं रख पाती। विनय दुबे ने अपना वीडियो घटना से कई घंटे पहले अपलोड किया है। इसके पूर्व भी इसने मुंबई से यूपी तक बस चलाने का वादा करके लोगों को इकट्ठा करने की जुगत की थी। किंतु प्रशासन ने तब विनय दुबे के खिलाफ कदम क्यों नहीं उठाया। इस घटना में विनय दुबे से बड़ी लापरवाही प्रशासन की है जिसमें समय रहते उसने कदम नहीं उठाया। सीएए लागू होने के बाद से ही यह एनआरसी और सीएए को लेकर आम लोगों को भड़का रहा था। सरकार को और प्रधानमंत्री मोदी , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित आर एस एस के और भाजपा के तमाम लोगों को कुछ ना कुछ बोलता रहता था।
क्या तब प्रशासन को यह अंदाजा नहीं लगा कि जो व्यक्ति सरकार के खिलाफ पिछले काफी दिनों से जहर उगल रहा है। अगर उसने उस जहर को फैला दिया तो उसका परिणाम क्या होगा। प्रशासन की लापरवाही के कारण ही कल लोग सड़कों पर उतरे और कोरोना बम को चलाने की भरपूर कोशिश की गई है। इस भीड़ में यदि कुछ करोना पीड़ित होंगे तो कल्पना कीजिए की यही कोरोना बम कुछ दिन बाद जब फूटेगा तब देश के क्या हालात होंगे।