- बॉलीवुड में शोक की लहर
- न्यूरोक्राइन ट्यूमर से थे ग्रसित
- मैं हार गया इन शब्दों का अक्सर प्रयोग करनेवाले राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय फ़िल्मों में यादगार अभिनय करनेवाले सिने अभिनेता इरफान खान जो लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे, आखिर जिंदगी की जंग हार गए. मंगलवार को खबर सामने आई थी कि अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके चलते उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मुंबई - बॉलीवुड एक्टर इरफान खान जो कि लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे, आज जिंदगी की जंग हार गए. मंगलवार को खबर सामने आई थी कि अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई जिसके चलते उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
वे कैंसर से पीड़ित थे। इरफान खान की तबियत अचानक खराब होने की वजह से उन्हें मंगलवार को मुंबई के अंधेरी स्थित कोकिलाबेन अस्पताल के आईसीयू में एडमिट किया गया था। उन्हें कोलन इन्फेक्शन की वजह से भर्ती कराया गया था।
उनके मौत की खबर ट्विटर पर फिल्म निर्माता सुजीत सरकार ने शेयर की। अभी कुछ दिन पहले ही इरफान की मां का निधन हुआ है। अभिनेता की मां सईदा बेगम ने जयपुर में अंतिम सांस ली। हालांकि, देशव्यापी लॉकडाउन के बीच इरफान मां के अंतिम संस्कार में नहीं जा पाए थे। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही मां के लिए अपनी ओर से दुआ की थी।
टीवी सीरियलों से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले इरफान ने कोई 10 टीवी सीरियल किए। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली से कलाकारी की गुण सीखने वाले इरफान ने फिल्म में मुकाम बनाने के लिए काफी संघर्ष किया। रोग, पान सिंह तोमर, पीकू, इंग्लिश मीडियम, हिंदी मीडियम, डी डे, मुंबई मेरी जान, कारवाँ, मदारी, ब्लैकमेल, मकबूल, लाइफ इन ए मेट्रो, द लंच बॉक्स, तलवार, लॉक आउट उनकी यादगार फिल्में हैं।
बॉलीवुड उनके निधन से सदमें में है। बॉलीवुड में शोक की लहर व्याप्त है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुपर स्टार अमिताभ बच्चन समेत फिल्म और राजनीतिक जगत की हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने हॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया था।
इरफ़ान खान की मौत की जानकारी देते हुए परिवार की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया है, जो काफी भावुक कर देने वाला है.
मैंने यकीन किया, ''मैं हार गया. इरफान खान अक्सर इन शब्दों का प्रयोग किया करते थे. साल 2018 में कैंसर से लड़ते समय भी इरफान ने अपने नोट में ये बात कही थी. इरफान खान बेहद कम शब्दों में अपनी बात कहा करते थे और बात करने के लिए आंखों का ज्यादा इस्तेमाल करते थे.''
विनम्र श्रद्धांजलि