चार दिन में मजदूरों को घर भिजवाएं राज्य सरकारें


रेल मंत्रालय का बड़ा फैसला


मुंबई। विभिन्न राज्यों में पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूरों को तीन से चार दिन में उनके घर पहुंचाने का आदेश रेल मंत्रालय ने आज जारी किया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी राज्यों से अपील की है कि प्रवासी श्रमिकों के लिए चलाई जाने वाली विशेष रेलगाड़ियों के संचालन की अनुमति दें ताकि फंसे लोग अगले तीन-चार दिनों में अपने घर पहुंच सकें।


रेल मंत्रालय के इस नए आदेश के मुताबिक अब श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 1200 की जगह 1700 लोग यात्रा कर सकेंगे। यही नहीं अब ये ट्रेनें बीच के तीन स्टेशनों पर भी रुकेगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अपील की थी कि फंसे हुए श्रमिकों के लिए और विशेष रेलगाड़ियों के संचालन को अनुमति दें, ताकि वे अगले चार दिनों के अंदर अपने घर पहुंच सकें। सरकार ने यह फैसला लेकर पैदल अपने घरों को जा रहे मजदूरों को बड़ी राहत पहुंचाई है। कोरोना संक्रमण की महामारी के चलते खतरा और परेशानी मोल लेकर अब तक पैदल, सायकिल, रिक्शा, ऑटो से अनगिनत मजदूर अपने घरों को पहुंच चुके हैं या अभी रास्ते में हैं। 


गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस तरह की रेलगाड़ियां चलाने की अनुमति देने के लिए पत्र लिखने के बाद रेल मंत्री ने यह अपील की है। गोयल ने रविवार को ट्वीट किया, ‘माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देशों के मुताबिक रेलवे बेहद कम समय के नोटिस पर प्रतिदिन 300 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां चलाने के लिए बीते छह दिनों से तैयार है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे अपने फंसे श्रमिकों को निकालने और वापस लाने की अनुमति दें ताकि अगले तीन-चार दिनों में हम उन सभी को वापस घर पहुंचा सकें।’


रेलवे ने कहा कि एक मई से अब तक ऐसी 366 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का संचालन किया है और करीब चार लाख प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाया गया है। केंद्र द्वारा अपने घरों तक पहुंचने के लिए फंसे श्रमिकों की खातिर विशेष रेलगाड़ियां चलाने की अनुमति देने के बावजूद उनमें से कई निजी वाहनों के मार्फत अनाधिकारिक रूप से यात्रा कर रहे हैं या इस गर्मी में सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं।